वन्देमातरम जय हिन्द

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शनिवार, 6 अगस्त 2011

मित्रता दिवस की शुभकामनाये




सीस पगा न झगा तन में प्रभुए जानै को आहि बसै केहि ग्रामा ।
धोति फटी.सी लटी दुपटी अरुए पाँय उपानह की नहिं सामा ।।
द्वार खड्यो द्विज दुर्बल एकए रह्यौ चकिसौं वसुधा अभिरामा ।
पूछत दीन दयाल को धामए बतावत आपनो नाम सुदामा ।।
बोल्यौ द्वारपाल सुदामा नाम पाँड़े सुनिए
छाँड़े राज.काज ऐसे जी की गति जानै कोघ्
द्वारिका के नाथ हाथ जोरि धाय गहे पाँयए
भेंटत लपटाय करि ऐसे दुख सानै कोघ्
नैन दोऊ जल भरि पूछत कुसल हरिए
बिप्र बोल्यौं विपदा में मोहि पहिचाने कोघ्
जैसी तुम करौ तैसी करै को कृपा के सिंधुए
ऐसी प्रीति दीनबंधु! दीनन सौ माने कोघ् ।।
लोचन पूरि रहे जल सों, प्रभु दूरिते देखत ही दुख मेट्यो ।
सोच भयो सुरनायक  के कलपद्रुम के हित माँझ सखेट्यो ।
कम्प कुबेर हियो सरस्यो, परसे पग जात सुमेरू ससेट्यो ।
रंक ते राउ भयो तबहीं, जबहीं भरि अंक रमापति भेट्यो ।।
भेंटि भली विधि विप्र सों, कर गहिं त्रिभुवन राय ।


अन्तःपुर माँ लै गए, जहाँ न दूजो जाय ।।
मनि मंडित चौकी कनक, ता ऊपर बैठाय ।
पानी धर्यो परात में, पग धोवन को लाय ।।
राजरमनि सोरह सहस, सब सेवकन सनीति।
आठो पटरानी भई चितै चकित यह प्रीति ।।
नरोत्तमदास की यह रचना कृष्ण और सुदामा की प्रगाढ़  मित्रता का वर्णन करती है . हम सभी ने अपने स्कूल के दिनों में इसको पढ़ी है.  मित्रता दिवस में कृष्ण और सुदामा की निस्वार्थ मित्रता को याद करे और इसका अनुकरण करे तो हम भी श्रेष्ठ मित्र बन सकते है. 

सुग्रीव और राम की मित्रता भी एक अनुपम उदहारण है जिसमे विपत्ति के समय राम और सुग्रीव एक दूसरे की सहायता करते है जिससे वे आदर्श मित्र कहलाये . गोस्वामी तुलसीदास ने लिखा है.
"धीरज, धर्म, मित्र अरु नारी आपति काल परखिये चारि"
एक बार फिर मित्रता दिवस की शुभकामनाये.

  (वैसे मित्रता दिवस मनाकर हम मैत्री के महत्त्व और उसकी व्यापकता को किसी खास दिन की परिधि में तो  नहीं बांध  सकते हैं सच्ची मित्रता तो आजीवन निभाई जाती है ) 

22 टिप्‍पणियां:

Rakesh Kumar ने कहा…

यह आपने सही कहा.हर दिन ही मित्रता का दिवस होना चाहिये.
बहुत सुन्दर और प्रेरक प्रसंग प्रस्तुत किये है आपने.
बहुत बहुत आभार.
फिर भी मित्रता दिवस के बहाने बधाई कहने का अवसर तो है ही.
बहुत बहुत बधाई.

Chaitanyaa Sharma ने कहा…

शुभकामनायें आपको , सभी को....हैप्पी फ्रेंडशिप डे

vijai Rajbali Mathur ने कहा…

दोनों उदाहरण बेहद सटीक हैं।

Arunesh c dave ने कहा…

विदेशी संस्करण की अपेक्षा हमे अपने धर्मग्रंथो का स्मरण करना पाठ करने का उत्सव मनाना चाहिये

संजय भास्‍कर ने कहा…

भावपूर्ण अभिव्यक्ति रचना के माध्यम से प्रेरक प्रसंग प्रस्तुत किये है.....आभार

संजय भास्‍कर ने कहा…

मित्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाये

smshindi By Sonu ने कहा…

बहुत सुंदर रचना ! लाजवाब प्रस्तुती!

smshindi By Sonu ने कहा…

आपके पास दोस्तो का ख़ज़ाना है,
पर ये दोस्त आपका पुराना है,
इस दोस्त को भुला ना देना कभी,
क्यू की ये दोस्त आपकी दोस्ती का दीवाना है

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!!मित्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाये!!

फ्रेंडशिप डे स्पेशल पोस्ट पर आपका स्वागत है!
मित्रता एक वरदान

शुभकामनायें

virendra sharma ने कहा…

कृष्ण सुदामा का दृष्टांत और सम्बद्ध पद बहुत सुनदर रहा .
शुक्रवार, ५ अगस्त २०११
Erectile dysfunction? Try losing weight Health
...क्‍या भारतीयों तक पहुच सकेगी यह नई चेतना ?
Posted by veerubhai on Monday, August 8
Labels: -वीरेंद्र शर्मा(वीरुभाई), Bio Cremation, जैव शवदाह, पर्यावरण चेतना, बायो-क्रेमेशन /http://sb.samwaad.com/

Monday, August 8, 2011
यारों सूरत हमारी पे मट जाओ .
http://kabirakhadabazarmein.blogspot.com/2011/08/blog-post_8587.html

कुमार राधारमण ने कहा…

हां,अब इन दिनों मैत्री के जो पैमाने रह गए हैं,उन्हें देखते हुए इस दिवस का मनाया जाना भी ज़रूरी है।

S.M.HABIB (Sanjay Mishra 'Habib') ने कहा…

पुनः पढ़कर आनंद आया...
आपको भी मित्रता दिवस की सादर बधाई...
सादर..

Sawai Singh Rajpurohit ने कहा…

सर्वप्रथम मित्रता दिवस पर हार्दिक शुभकामनायें देर से ही सही पर बधाई

Sawai Singh Rajpurohit ने कहा…

ब्लॉग की 100 वीं पोस्ट पर आपका स्वागत है!

प्रसन्नवदन चतुर्वेदी 'अनघ' ने कहा…

सुन्दर अभिव्यक्ति....

Sawai Singh Rajpurohit ने कहा…

आज का आगरा ,भारतीय नारी,हिंदी ब्लॉगर्स फ़ोरम इंटरनेशनल , ब्लॉग की ख़बरें, और एक्टिवे लाइफ ब्लॉग की तरफ से रक्षाबंधन की हार्दिक शुभकामनाएं

सवाई सिंह राजपुरोहित आगरा
आप सब ब्लॉगर भाई बहनों को रक्षाबंधन की हार्दिक बधाई / शुभकामनाएं

vijai Rajbali Mathur ने कहा…

स्वाधीनता दिवस की हार्दिक मंगलकामनाएं।

Neelkamal Vaishnaw ने कहा…

नमस्कार....
बहुत ही सुन्दर लेख है आपकी बधाई स्वीकार करें
मैं आपके ब्लाग का फालोवर हूँ क्या आपको नहीं लगता की आपको भी मेरे ब्लाग में आकर अपनी सदस्यता का समावेश करना चाहिए मुझे बहुत प्रसन्नता होगी जब आप मेरे ब्लाग पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराएँगे तो आपकी आगमन की आशा में पलकें बिछाए........
आपका ब्लागर मित्र
नीलकमल वैष्णव "अनिश"

इस लिंक के द्वारा आप मेरे ब्लाग तक पहुँच सकते हैं धन्यवाद्

1- MITRA-MADHUR: ज्ञान की कुंजी ......

2- BINDAAS_BAATEN: रक्तदान ...... नीलकमल वैष्णव

3- http://neelkamal5545.blogspot.com

Maheshwari kaneri ने कहा…

सुन्दर अभिव्यक्ति..

Vandana Ramasingh ने कहा…

नरोत्तमदास जी की यह रचना दोबारा पढ़ना रोमांचित कर गया

निर्झर'नीर ने कहा…

aapne to school ke dinon ki yaad taja kar dii ..


सीस पगा न झगा तन में प्रभुए जानै को आहि बसै केहि ग्रामा ।
धोति फटी.सी लटी दुपटी अरुए पाँय उपानह की नहिं सामा ।।
द्वार खड्यो द्विज दुर्बल एकए रह्यौ चकिसौं वसुधा अभिरामा ।
पूछत दीन दयाल को धामए बतावत आपनो नाम सुदामा ।।

Pratap Bal ने कहा…

नायाब तरीका अपनाया मित्रता दिवस पर

Unknown ने कहा…

Nice